अंग्रेजी का एक शब्द है – Wrapper
जिसका हिंदी अर्थ है ‘आवरण’ ! फिर एक शब्द याद आता है – Acting ! मुझे समझ
नहीं आता है कुछ लोग ताउम्र 24 * 7 एक्टिंग कैसे कर लेते है ! बाबू मोशाय – ज़िंदगी एक रंगमंच है एंड हम कठपुतली टाइप थ्योरी में इतना भरोसा कैसे हो जाता है ?
हमें जो बचपन से सिखाया
जाता है या हम सीखते है - ख़ासकर middle
class फैमिलीज़ में ! कि - We are not allowed to question on existing things.! और एक Wrapper में फिट कर दिया जाता है कि सबको salute मारने का without any question ! फ़िर हम बड़े होकर समाज में जाते है – और हमारा डर बना रहता है हम किसी से कभी question करते ही
नहीं है ! मुझे नहीं लगता है यहाँ मुझे सरकार, समाज, दफ़्तर , पार्टनर , दोस्त आदि - आदि शब्द लिखने की ज़रूरत है ! खैर .
और एक बात यह भी है जिस पर बीतती है वही हक़ीकत जानता है फ़िर चाहे सरकार के बारे में हो या परिवार के बारे में ! बहुत से शब्द याद आ रहे है – Wrapper के साथ ! एक थ्योरी भी जिसे concept of realism कहते है philosophy में ! जिन्हें फ़िर कभी समझेंगे अगर आपको अभी तक समझ नहीं आया हो तो !
सनद
रहे - इनमे से लिखी कोई बात झूठे और एक्टिंग करने वाले के लिए नहीं है ! और उनके लिए तो कतई नहीं जिन्हें अपनी tummy का weight loss / gain के अलावा कुछ दिखता ही नहीं !
महबूब शायर मेराज फैज़ाबादी का एक शेर याद आ रहा है -
चन्द रिश्तों के खिलौने है जिन्हें हम खेलते है
वरना सब जानते है कौन यहाँ किसका है !
चन्द रिश्तों के खिलौने है जिन्हें हम खेलते है
वरना सब जानते है कौन यहाँ किसका है !
Okay Bye.
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