14.11.21

इतना ख़ाली था अंदरू मेरा …

Robbert Greene की एक क़िताब है – ‘The 48 LAWS OF POWER’!  इसी क़िताब में एक rule है – ‘ALWAYS SAY LESS THAN NECESSARY’

शहीद बाजि राउत (Shaheed Baji Rout - Youngest Indian freedom fighter and martyr ) की उम्र 12 साल और 6 दिन थी जब ब्रिटिश सैनिकों ने उन्हें गोलीमार दी सिर्फ़ इसलिए की बाजि राउत ने ब्रिटिश सैनिकों को अपनी नाव देने से मना कर दिया था ! 

शहीद ख़ुदीराम बोस (Shaheed Khudiram Bose  की उम्र 18 साल 8 महीने और  10 दिन थी जब उन्हें फांसी दी गयी थी !

शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh ) की उम्र  23 साल  5 महीने और 25 दिन थी जब उन्हें फांसी दी गयी !

शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (Shaheed Ashfaqulla Khan ) की उम्र 27 साल  1 महीने और  28 दिन और सत्तावनी (1857) क्रान्ति में शहीद अभिनव अभिमन्यु श्री बलभद्र सिंह (चहलारी के राजा) भी 18 साल के ही थे !

.... न जाने कितने नाम मै यह लिख सकता हूँ .... और आप कहते है की – आज़ादी भीख में मिली है !

मन खिन्न है ! सब पक्ष या विपक्ष में है ! सच कही दूर छूट गया है ! सच की – हमें साथ – साथ आगे बढ़ना था ! सच की हमने जो कीमत चुकाई है ! सच की सब कुछ बाइनरी नहीं होता है !

समय की राख़ पड़ने पर लोग चीजें भूलने लगते है ! इसीलिए अध्ययन ज़रूरी है ! उन लम्हों को याद रखना जो हमारे लिए महत्वपूर्ण थे ! लोग अपनी हक़ीकत भूलने लगे तो उन्हें या तो चुप रहना चाहिए या फिर पढ़ना चाहिए !

जौन एलिया याद आ रहे है - 
मुझ में आ के गिरा था इक ज़ख़्मी 
जाने कब तक पड़ा रहा मुझ में !
इतना ख़ाली था अंदरूँ मेरा 
कुछ दिनों तो ख़ुदा रहा मुझ में !!


© मनीष

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