Robbert Greene की एक क़िताब है – ‘The 48 LAWS OF POWER’! इसी क़िताब में एक rule है – ‘ALWAYS SAY LESS THAN NECESSARY’
शहीद बाजि राउत (Shaheed Baji Rout - Youngest Indian freedom fighter and martyr ) की उम्र 12 साल और 6 दिन थी जब ब्रिटिश सैनिकों ने उन्हें गोलीमार दी सिर्फ़ इसलिए की बाजि राउत ने ब्रिटिश सैनिकों को अपनी नाव देने से मना कर दिया था !
शहीद ख़ुदीराम बोस (Shaheed Khudiram Bose की उम्र 18 साल 8 महीने और 10 दिन थी जब उन्हें फांसी दी गयी थी !
शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh ) की उम्र 23 साल 5 महीने और 25 दिन थी जब उन्हें फांसी दी गयी !
शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (Shaheed Ashfaqulla Khan ) की उम्र 27 साल 1 महीने और 28 दिन और सत्तावनी (1857) क्रान्ति में शहीद अभिनव अभिमन्यु श्री बलभद्र सिंह (चहलारी के राजा) भी 18 साल के ही थे !
.... न जाने कितने नाम मै यह लिख सकता हूँ .... और आप कहते है की – आज़ादी भीख में मिली है !
मन खिन्न है ! सब पक्ष या विपक्ष में है ! सच कही दूर छूट गया है ! सच की – हमें साथ – साथ आगे बढ़ना था ! सच की हमने जो कीमत चुकाई है ! सच की सब कुछ बाइनरी नहीं होता है !
समय की राख़ पड़ने पर लोग चीजें भूलने लगते है ! इसीलिए अध्ययन ज़रूरी है ! उन लम्हों को याद रखना जो हमारे लिए महत्वपूर्ण थे ! लोग अपनी हक़ीकत भूलने लगे तो उन्हें या तो चुप रहना चाहिए या फिर पढ़ना चाहिए !
जौन एलिया याद आ रहे है -
मुझ में आ के गिरा था इक ज़ख़्मी
जाने कब तक पड़ा रहा मुझ में !
इतना ख़ाली था अंदरूँ मेरा
कुछ दिनों तो ख़ुदा रहा मुझ में !!
मुझ में आ के गिरा था इक ज़ख़्मी
जाने कब तक पड़ा रहा मुझ में !
इतना ख़ाली था अंदरूँ मेरा
कुछ दिनों तो ख़ुदा रहा मुझ में !!
© मनीष
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