(एक)
प्रकाश और रंगों के फ़रेब से बनी हुई कोई कलाकृति
या धीरे – धीरे कोई क़ातिल सीने में उतार रहा हो खंजर
कोई प्रतिबिम्ब सुनहरा सा - जो छूते ही बिख़र जाने पर आमादा हो
घर के कोने में इधर – उधर छिपा हुआ प्रेत
हाय तुम .... और तुम्हारा इश्क़ !
(दो)
इस उम्मीद में निकले कि – टूटे हुए साज मरम्मत के बाद बनेंगे अच्छे
और वह फ़ेंक दिए गए हो
जैसे की उम्र और सभ्यता के साथ अच्छी होनी थी भाषा
पर वह गिरती गयी – तमाम बेकार चीज़ों के वास्ते
जैसे वह सब जो होना था नहीं हुआ
पेड़ो का बढ़ना / पर्वतों का टिके रहना
प्रकाश और रंगों के फ़रेब से बनी हुई कोई कलाकृति
या धीरे – धीरे कोई क़ातिल सीने में उतार रहा हो खंजर
कोई प्रतिबिम्ब सुनहरा सा - जो छूते ही बिख़र जाने पर आमादा हो
घर के कोने में इधर – उधर छिपा हुआ प्रेत
हाय तुम .... और तुम्हारा इश्क़ !
इस उम्मीद में निकले कि – टूटे हुए साज मरम्मत के बाद बनेंगे अच्छे
और वह फ़ेंक दिए गए हो
जैसे की उम्र और सभ्यता के साथ अच्छी होनी थी भाषा
पर वह गिरती गयी – तमाम बेकार चीज़ों के वास्ते
जैसे वह सब जो होना था नहीं हुआ
पेड़ो का बढ़ना / पर्वतों का टिके रहना
और नदियों/समन्दर
का ख़ुश रहना
धूप का अच्छा होना / रातों का शांत
हँसना फूलों का
नदी – पर्वत - झरना
पत्ती और तितलियाँ
यह सब नदारद है
कुछ और है ही नहीं
हाय तुम .... और बस तुम !
धूप का अच्छा होना / रातों का शांत
हँसना फूलों का
नदी – पर्वत - झरना
पत्ती और तितलियाँ
यह सब नदारद है
कुछ और है ही नहीं
हाय तुम .... और बस तुम !
Love:
Obsolete - A thing no longer in use
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ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 31 मई 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
इस तुम का सम्बोधन यदि मनुष्य से लें तो सच ही आज मनुष्य ने अपने स्वार्थ हेतु सब कुछ नदारद कर दिया है , पाया कुछ नहीं बस खोया ही है ।
ReplyDeleteमुझे दूसरी रचना अच्छी लगी । पहली की गहराई तक पहुंच नहीं पाई ।।
जी धन्यवाद!
Deleteपहली कविता काफी व्यक्तिगत लग रही है शायद ! और दूसरी मे तुम का अर्थ अपने सही कहा हैं।
आभार आपका।। 🙏
उम्दा सृजन।
ReplyDeleteकिसी एक ही भँवर में घूम रहा है मन।
व्यथित हृदय का लेखन।
बेहद शुक्रिया मैम !! सच कहा आपने
Deleteप्रेम में डूबी गूढ़ अनुभूतियों की परिभाषा अच्छी लगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी ।।😊
Deleteबहुत ही खूबसूरत प्रस्तुती
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी आपका 🙏😊
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