कितने ख़्वाब आँखों में सूख गए
कितनी दफ़ा ठंडी हवा का झोका आते - आते रह गया
कितनी दफ़ा लगा जैसे अबकी मिलके कभी न होंगे जुदा
कितनी दफ़ा सच दफ़न हुआ दिल में
रह गया कितना कुछ -
कहा / अनकहा
कितनी दफ़ा ठंडी हवा का झोका आते - आते रह गया
कितनी दफ़ा लगा जैसे अबकी मिलके कभी न होंगे जुदा
कितनी दफ़ा सच दफ़न हुआ दिल में
रह गया कितना कुछ -
कहा / अनकहा
कितनी दफ़ा जैसे कहना चाहा की रुक जाओ - नहीं कहा
कितनी दफ़ा जैसे कहना चाहा चले आओ - नहीं कहा
कितनी दफ़ा हम नहीं समझ पाए - कितना कुछ
बिना कहे / कहकर भी
कितनी दफ़ा तुम भी तो नहीं आई
कितनी दफ़ा जब रोना था - नहीं रोये
कितनी हंसी
कितनी दफ़ा जैसे कहना चाहा चले आओ - नहीं कहा
कितनी दफ़ा हम नहीं समझ पाए - कितना कुछ
बिना कहे / कहकर भी
कितनी दफ़ा तुम भी तो नहीं आई
कितनी दफ़ा जब रोना था - नहीं रोये
कितनी हंसी
कितने कहकहे
नदारद रहे
हमारे तुम्हारे
कितना कुछ कहना था
कितना कुछ सुनना था
कितना कुछ छिपाना था
कितना कुछ बताना था
दिखाना था तुम्हें कमरे की हरेक नयी पुरानी चीज को
अपने में'यार से निकल के जाना था
कितना कुछ बोलना था
बातों से
चुप्पी से
आँखों से
पर तुम नहीं आये -
न हमसुखन बनके / न हमनफ़स बनके
और रह गया -
कितना कुछ
कहा / अनकहा
बातों से
चुप्पी से
आँखों से
पर तुम नहीं आये -
न हमसुखन बनके / न हमनफ़स बनके
और रह गया -
कितना कुछ
कहा / अनकहा
- मनीष
No comments:
Post a Comment