27.12.22

प्यार में दिए गए श्राप

तयशुदा समय पर / या उससे पहले छोड़ देना हाथ
इससे पहले 'वह' रिश्ता - रिसने लगे बूँद - बूँद ज़हर सा

इससे पहले बद्द्दुवाएं रोज़ाना का वार्तालाप बने
बस दुःख ही उसका एकमात्र आलाप बने 

उसका साथ चलना
लगने लगे कि नंगे पैर चल रहे कंटीले जंगल में 
उसका बोलना - जैसे कोई चुभा रहा 
दायें 'धड़कते' भाग में पिन   

कोई बात / बिना बात ..... बड़ी हो जाये सबसे ज्यादा
या दिखने लगे 'प्यार' हल्का -बहुत -हल्का
कि जब 'हम' से ऊपर हो जाये 'मै' और सिर्फ़ 'मै'

टूटी, अयोग्य और टॉक्सिक चीज़ों से बचना
बचना रोज़मर्रा के कलहों से 
जो तुम्हें खा जाएँ अन्दर - अन्दर हर समय  
जितना बच सकते हो - बचा लेना ख़ुद को 

सनद रहे  -
जीवन बड़ा है 
प्यार से | पैसे से | दुनिया के हर प्रपंच से 
 
और उनके प्यार में दिए गए श्राप से 
'कि तुम्हें जहन्नुम में सुकून नहीं मिलेगा'

नदियाँ ख़ोज लेती है रास्ता 
पहाड़ अपने लिए ज़मीन
जंगल अपने लिए वृक्ष 
चिड़ियाँ अपने लिए घोंसला
समय कर लेता है इंतज़ार 


तुम्हारा कल - तुम्हारे आज से बेहतर होगा 
यदि तुम बचे रहे 
'अयोग्य' श्रापों से 
 
- मनीष के.

  

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