30.1.23

टूटे-फूटे गीत !

आंखे धड़की - दिल रोया 
नाव में डूबी नदी मिली 
एक ख़ुशी के बदले देखो
ज़ख्मी कितनी हंसी मिली

एक तमाशा वक़्त ने खेला 
एक जीवन बहुरुपिए ने 
आदमी और दुनिया में 
खोजों, कही तुम नमी मिली 

पहले जवानी काम ने खायी 
फ़िर डूबी उन नयनों में 
भटके रास्ते ऐसे भटके 
भटकन की कही कमी मिली

एक तरफ है जलसे सारे 
एक तरफ सन्नाटे प्यारे  
जिसको देखो एक दूजे से
बिना बात के ठनी मिली 

© मनीष के.

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