18.6.23

आदिपुरुष

फिल्म ऐसी बनाओ की - चार लोग क्या - 

नर - नारी 
सुर - असुर
मानव - दानव 
जलचर - नभचर 
आस्तिक - नास्तिक 
शैव - वैष्ण्व
उत्तर  - दक्षिण 
पूर्व - पश्चिम 
रात - दिन 

लेफ्ट  - राइट  
भाजपाई  - कांग्रेसी 
यूटूबेर - सब्सक्राइबर 
USA - RUSSIA 
Developer - Tester
पति - पत्नी 
मालिक - किरायेदार 
नौकर - दुकानदार 


सब एक साथ मिल के आपको दौड़ा ले ! 
माने सब बेकार - बकवास  बोले ! (Just to simplify for Gen-Z. You know hahaha. ( PS. Refer Kailash Kher interviews for this tone)


वो कौन लोग थें जिन्होंने - 
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालग्राम ॥ 
 -----> को  ....ईश्वर अल्लाह तेरो नाम बना दिया था !  सोचिये ! और चेतिये !


और प्रश्न सिर्फ भाषा का भी नहीं है ! भावना भी अच्छी नहीं है इन जैसे लोगों की ! जिनको सिर्फ और सिर्फ, पैसों से  मतलब है ! यह बिकाउँ और बै-गैरत लोग है ! यह बरसाती राष्ट्रवादी है ! इनको राष्ट्र और विचार से कोई लेना देना नहीं है ! कितना पैसा लगा और कितना इनको ROI आया  ! बस इसी से मतलब है ! इसके लिए यह  कुछ बेच सकते है ! कोई दीन-ईमान नहीं है इनका !


Special Notes for Gen-Z

आप दो मिनट earphone निकाल कर , स्क्रीन से नज़रें हटाकर  के सोचिये , कंप्यूटर , पहिया , खेती और आग की खोज से प्यारी चीज क्या है ? मनुष्यों के पास ? 'भाषा' 

कल्पना कीजिये -  होमिनिड्स (मानव पूर्वजों) की शुरुआत घुरघुराने या हूटिंग या रोने जैसे किसी आवाज से आज हम इतनी भाषाएँ या बोलियों तक  आये है ! हरेक भाषा के हरेक शब्द का आपने मोल है ! अपना इतिहास है !

Welsh भाषा के 'Hiraeth' शब्द का मायने ट्रांसलेट नहीं किया जा सकता है ! उसकी मूलभावना बस महसूस की जा सकती है ! अपनी भाषा को सीखिए ! भाषा की मूल भावना को मत नष्ट कीजिये !

बाकी हमेशा सनद रहे -   
 'रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेहु जो जानहि हारा'
 
जय श्री राम 

-मनीष के.


नोट - वर्तनी दोष माफ़ करे ! मोबाइल से टाइप हुआ है !


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