फिल्म ऐसी बनाओ की - चार लोग क्या -
नर - नारी
सुर - असुर
मानव - दानव
जलचर - नभचर
आस्तिक - नास्तिक
शैव - वैष्ण्व
उत्तर - दक्षिण
पूर्व - पश्चिम
रात - दिन
सुर - असुर
मानव - दानव
जलचर - नभचर
आस्तिक - नास्तिक
शैव - वैष्ण्व
उत्तर - दक्षिण
पूर्व - पश्चिम
रात - दिन
लेफ्ट - राइट
भाजपाई - कांग्रेसी
यूटूबेर - सब्सक्राइबर
USA - RUSSIA
Developer - Tester
पति - पत्नी
मालिक - किरायेदार
नौकर - दुकानदार
भाजपाई - कांग्रेसी
यूटूबेर - सब्सक्राइबर
USA - RUSSIA
Developer - Tester
पति - पत्नी
मालिक - किरायेदार
नौकर - दुकानदार
सब एक साथ मिल के आपको दौड़ा ले !
माने सब बेकार - बकवास बोले ! (Just to simplify for Gen-Z. You know hahaha. ( PS. Refer Kailash Kher interviews for this tone)
वो कौन लोग थें जिन्होंने -
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालग्राम ॥
-----> को ....ईश्वर अल्लाह तेरो नाम बना दिया था ! सोचिये ! और चेतिये !
और प्रश्न सिर्फ भाषा का भी नहीं है ! भावना भी अच्छी नहीं है इन जैसे लोगों की ! जिनको सिर्फ और सिर्फ, पैसों से मतलब है ! यह बिकाउँ और बै-गैरत लोग है ! यह बरसाती राष्ट्रवादी है ! इनको राष्ट्र और विचार से कोई लेना देना नहीं है ! कितना पैसा लगा और कितना इनको ROI आया ! बस इसी से मतलब है ! इसके लिए यह कुछ बेच सकते है ! कोई दीन-ईमान नहीं है इनका !
Special Notes for Gen-Z
आप दो मिनट earphone निकाल कर , स्क्रीन से नज़रें हटाकर के सोचिये , कंप्यूटर , पहिया , खेती और आग की खोज से प्यारी चीज क्या है ? मनुष्यों के पास ? 'भाषा'
कल्पना कीजिये - होमिनिड्स (मानव पूर्वजों) की शुरुआत घुरघुराने या हूटिंग या रोने जैसे किसी आवाज से आज हम इतनी भाषाएँ या बोलियों तक आये है ! हरेक भाषा के हरेक शब्द का आपने मोल है ! अपना इतिहास है !
Welsh भाषा के 'Hiraeth' शब्द का मायने ट्रांसलेट नहीं किया जा सकता है ! उसकी मूलभावना बस महसूस की जा सकती है ! अपनी भाषा को सीखिए ! भाषा की मूल भावना को मत नष्ट कीजिये !
बाकी हमेशा सनद रहे -
'रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेहु जो जानहि हारा'
जय श्री राम
-मनीष के.
नोट - वर्तनी दोष माफ़ करे ! मोबाइल से टाइप हुआ है !
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